गीता में ‘निष्काम कर्म’ का क्या अर्थ है?
गीता में ‘निष्काम कर्म’ का सिद्धांत जीवन को शांतिपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण बनाने का मार्ग दिखाता है। ‘निष्काम कर्म’ का अर्थ है बिना किसी फल की अपेक्षा किए अपने कर्तव्यों को निभाना। यह गीता का मूल संदेश है, जो हमें आत्मज्ञान, मानसिक शांति और सामाजिक सामंजस्य का पाठ पढ़ाता है। जानिए इसके लाभ, उद्देश्य, और जीवन में महत्व।